बस
पुने की बस एक दम मस्त
इसमें लोग ठूस ठूस कर भरेजाते
कई बेठकर कई खड़ेहोकर तो कई लटक कर जाते
इसमें लोग जितने पास आते उतने और कही नहीं आते
अनेकता में एकता का सही उद्धरण हम ईसी से पाते
प्रेम करने वाले इसमें अक्सर पाये जाते.
करीब आनेका कोई म़ोका वो चूकना नही चाहते
करीब आनेका कोई म़ोका वो चूकना नही चाहते
होर्न छोड़ इसके सारे पूरझे हे बजते
बूढ़े इसमें बेठते ही राम नाम जपते
समय पर ये कभी नहीं आती
जहाँ मन चाहे वही रुक जाती
फिर भी लोगो की प्यारी
ये हे अपनी रामप्यारी
इसलिए हे पुणे की बस एक दम मस्त
समय पर ये कभी नहीं आती
जहाँ मन चाहे वही रुक जाती
फिर भी लोगो की प्यारी
ये हे अपनी रामप्यारी
इसलिए हे पुणे की बस एक दम मस्त
2 comments:
Arre Zabardsat!
Chal chal ri chal meri Ram Pyari...:)
Nice...very nice!
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